वर्षा मंगल
Varsha mangal
सत रंग चुनर नव रंग राग
मधुर मिलन त्यौहार गगन में,
मेघ सजल , बिजली में आग …
सत रंग चुनर , नव रंग पाग!
पावस ऋतु नारी , नर सावन,
रस रिमझिम , संगीत सुहावन,
सारस के जोड़े, सरवर में,
सुनते रहते, बादल राग!
सत रंग चुनर , नव रंग राग!
उपवन उपवन, कान्त-कामिनी,
गगन गुंजाये , मेघ दामिनी,
पत्ती पत्ती पर हरियाली,
फूल-फूल पर, प्रेम-पराग!
सत रंग चुनर , नव रंग राग …
पवन चलाए, बाण बूंद के,
सहती धरती, आँख मूंद के–
बेलों से अठखेली करते,
मोर-मुकुट पहने बन-बाग़!
सत रंग चुनर नव रंग पाग!