Hindi Poem of Naresh Saksena “  Is barish me”,”इस बारिश में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इस बारिश में

 Is barish me

 

जिसके पास चली गयी मेरी ज़मीन

उसी के पास अब मेरी

बारिश भी चली गयी

अब जो घिरती हैं काली घटाएं

उसी के लिए घिरती है

कूकती हैं कोयलें उसी के लिए

उसी के लिए उठती है

धरती के सीने से सोंधी सुगंध

अब नहीं मेरे लिए

हल नही बैल नही

खेतों की गैल नहीं

एक हरी बूँद नहीं

तोते नहीं, ताल नहीं, नदी नहीं, आर्द्रा नक्षत्र नहीं,

कजरी मल्हाहर नहीं मेरे लिए

जिसकी नहीं कोई जमीन

उसका नहीं कोई आसमान।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.