Hindi Poem of Naresh Saksena “  Manushya Shakti”,”मनुष्यशक्ति” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मनुष्यशक्ति

 Manushya Shakti

 

कितना कोयला होगा मेरी देह में

कितनी कैलोरी कितने वाट कितने जूल

कितनी अश्वशक्ति

(मैं इसे मनुष्यशक्ति कहूंगा)

कितनी भी ठंडक हो बर्फ़ हो

अंधेरा हो

एक आदमी को गर्माने भर के लिए एक बार

तो होगा ही काफ़ी

अब एक लपट की तलाश है

कोयले के इस छोटे से गोदाम के लिए।

 

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