रात भर
Raat bhar
रात भर चलती हैं रेलें
ट्रक ढोते हैं माल रात भर
कारख़ाने चलते हैं
कामगार रहते हैं बेहोश
होशमंद करवटें बदलते हैं रात भर
अपराधी सोते हैं
अपराधों का कोई संबंध अब
अंधेरे से नहीं रहा
सुबह सभी दफ़्तर खुलते हैं अपराध के।
रात भर
Raat bhar
रात भर चलती हैं रेलें
ट्रक ढोते हैं माल रात भर
कारख़ाने चलते हैं
कामगार रहते हैं बेहोश
होशमंद करवटें बदलते हैं रात भर
अपराधी सोते हैं
अपराधों का कोई संबंध अब
अंधेरे से नहीं रहा
सुबह सभी दफ़्तर खुलते हैं अपराध के।