भूल जाओ वामन
Bhul jao vaman
नहीं काट सकते
अतल में धँसी
मेरी जड़ों को
तुम्हारी नैतिकता के
जंग लगे भोथरे हथियार
मत आँको मेरा मूल्य
धरती आकाश से
आकाश धरती से सार्थक है
तुम्हारे पाँव हर बार की तरह
आदर्श का लम्बा रास्ता भूलकर
मेरे अस्तित्व की छोटी पगडण्डी
पर ही लौट आएँगे
अपना विस्तार,भूल जाओ वामन
मेरी अस्मिता नापने में
तुम्हारे तीन पग छोटे पड़ जाएँगे ।