Hindi Poem of Neelam Singh “ Bhul jao vaman”,”भूल जाओ  वामन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

भूल जाओ  वामन

 Bhul jao vaman

 

नहीं काट सकते

अतल में धँसी

मेरी जड़ों को

तुम्हारी नैतिकता के

जंग लगे भोथरे हथियार

मत आँको मेरा मूल्य

धरती आकाश से 

आकाश धरती से सार्थक है

तुम्हारे पाँव हर बार की तरह

आदर्श का लम्बा रास्ता भूलकर

मेरे अस्तित्व की छोटी पगडण्डी

पर ही लौट आएँगे

अपना विस्तार,भूल जाओ वामन

मेरी अस्मिता नापने में

तुम्हारे तीन पग छोटे पड़ जाएँगे ।

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