Hindi Poem of Nida Fazli “  Baat kam kije jehanat ko chupaye rahiye”,”बात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए

 Baat kam kije jehanat ko chupaye rahiye

 

बात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए

अजनबी शहर है ये, दोस्त बनाए रहिए

दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न कीजे रिश्ता

दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए

ये तो चेहरे की शबाहत हुई तक़दीर नहीं

इस पे कुछ रंग अभी और चढ़ाए रहिए

ग़म है आवारा अकेले में भटक जाता है

जिस जगह रहिए वहाँ मिलते मिलाते रहिए

कोई आवाज़ तो जंगल में दिखाए रस्ता

अपने घर के दर-ओ-दीवार सजाए रहिए

 

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