Hindi Poem of Nida Fazli “  Najdikiyo me door ka manzar talash kar”,”नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर

 Najdikiyo me door ka manzar talash kar

 

नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर

जो हाथ में नहीं है वो पत्थर तलाश कर.

सूरज के इर्द-गिर्द भटकने से फ़ाएदा

दरिया हुआ है गुम तो समुंदर तलाश कर.

तारीख़ में महल भी है हाकिम भी तख़्त भी

गुम-नाम जो हुए हैं वो लश्कर तलाश कर.

रहता नहीं है कुछ भी यहाँ एक सा सदा

दरवाज़ा घर का खोल के फिर घर तलाश कर.

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन

फिर उस के बाद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर.

 

 

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