Hindi Poem of Nida Fazli “ Vo shokh shokh nazar savali si ek ladki”,”वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की

 Vo shokh shokh nazar savali si ek ladki

 

 

वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की

जो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है

सुना है

वो किसी लड़के से प्यार करती है

बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है

न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ

बस उसी वक़्त जब वो आती है

कुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है

मुझे

एक अजनबी की ज़रूरत हो गई है मुझे

मेरे बरांडे के आगे यह फूस का छप्पर

गली के मोड पे खडा हुआ सा

एक पत्थर

वो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाख

और उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँ

यह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैं

मेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैं

मैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहे

अदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहे

 

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