Hindi Poem of Om Prabhakar “  Jas ka tas”,”जस का तस” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जस का तस

 Jas ka tas

 

शाख़-शाख़ बुलबुल

लिखती है

पत्ता-पत्ता गुल

लिखती है ।

बेटी माँ से

जो पढ़ती है

बच्चों में वो कुल लिखती है ।

सहर लिखे

उसकी पेशानी

शब उसके काकुल लिखती है ।

हर लम्हे वो

फ़लक वक़्त की

जस का तस बिल्कुल लिखती है ।

जब लिखती है

हवा इबारत

पानी पर ढुलमुल लिखती है ।

 

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