Hindi Poem of Om Prabhakar “  O Priya”,”ओ प्रिया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ओ प्रिया

 O Priya

 

ओ प्रिया

पिन्हाऊँ तुम्हें जुही के झुमके।

इस फूली संझा के तट पर,

आ बैठें बिल्कुल सट-सटकर,

दृष्टि कहे जो

उसे सुनें तो

अर्थ खिलेंगे नए आज गुमसुम के।

किरन बनाती तुझे सुहागिन,

आँखें खोल अरी बैरागिन,

इत-उत अहरह

अहरह इत-उत

लट ले तेरी मदिर हवा के ठुमके।

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