Hindi Poem of Om Prabhakar “ Rate vimukh divas begane”,”रातें विमुख दिवस बेगाने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रातें विमुख दिवस बेगाने

 Rate vimukh divas begane

 

रातें विमुख दिवस बेगाने

समय हमारा,

हमें न माने!

लिखें अगर बारिश में पानी

पढ़ें बाढ़ की करूण कहानी

पहले जैसे नहीं रहे अब

ऋतुओं के रंग-

रूप सुहाने ।

दिन में सूरज, रात चन्‍द्रमा

दिख जाता है, याद आने पर

हम गुलाब की चर्चा करते हैं

गुलाब के झर जाने पर ।

हमने, युग ने या चीज़ों ने

बदल दिए हैं

ठौर-ठिकाने ।

 

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