Hindi Poem of Om Prabhakar “  Re man samajh”,”रे मन समझ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रे मन समझ

 Re man samajh

 

रे मन, समझ

मौज़ूद सच!

इस आन्‍तरिक भूचाल में

रस-गंध की मत बात कर

झरते हुए दिक्‍काल में ।

उद्दीपनों की बाढ़ से

कुछ और बच

कुछ और बच ।

ये रंगीली-उजली हवा

सब कुछ उड़ा ले जाएगी

जितना बचे उतना बचा ।

अवशेष से आरम्‍भ कर

कोई नई

अल्‍पना रच!

 

 

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