Hindi Poem of Om Prabhakar “  Sarovar he swasan me”,”सरोवर है श्वसन में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सरोवर है श्वसन में

 Sarovar he swasan me

 

सरोवर है

शवासन में!

हवा व्‍याकुल

गंध कन्‍धों पर धरे

वृक्ष तट के

बौखलाहट से भरे ।

मूढ़ता-सी छा रही है

मृगों के मन में!

मछलियाँ बेचैन

मछुआरे दुखी

घाट-मंदिर-देवता

सारे दुखी ।

दुखी हैं पशु गाँव में

तो पखेरू वन में ।

सरोवर है

शवासन में!

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.