सरोवर है श्वसन में
Sarovar he swasan me
सरोवर है
शवासन में!
हवा व्याकुल
गंध कन्धों पर धरे
वृक्ष तट के
बौखलाहट से भरे ।
मूढ़ता-सी छा रही है
मृगों के मन में!
मछलियाँ बेचैन
मछुआरे दुखी
घाट-मंदिर-देवता
सारे दुखी ।
दुखी हैं पशु गाँव में
तो पखेरू वन में ।
सरोवर है
शवासन में!