सरफ़रोशी की तमन्ना
Sarfaroshi ki tamanna
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए-क़ातिल में है
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है
सरफ़रोशी की…
देख फाँसी का ये फंदा ख़ौफ़ से है काँपता
उफ़्फ़ कि जल्लादों की हालत भी बड़ी मुश्किल में है
नर्म स्याही से लिखे शेरों की बातें चुक गईं
इक नई बारूद से लिक्खी ग़ज़ल महफ़िल में है
देखना है ज़ोर कितना…
आँख से टपकी लहू की बूँद को ले हाथ में
सर कटा दें ऐ वतन बस ये ही हसरत दिल में है
ज़िन्दगी के रास्तों पे ख़ूब यारो चल लिए
अब ज़रा देखें छुपा क्या मौत की मंज़िल में है
देखना है ज़ोर कितना…