Hindi Poem of Prabhar Machve “  Prem ek paribhasha”,”प्रेम: एक परिभाषा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रेम: एक परिभाषा

 Prem ek paribhasha

 

प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी?

प्रेम वो प्रपात

गीत दिवारात

गा रहा अशान्त

प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी ।

प्रेम वह प्रसन्न

खेत में निरन्न

दुर्भिक्षावसन्न

सृजक कृषक खड़ा दीन अन्नाधिकारी ।

 

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