अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ
Amrit aur jahar dono hai sagar me ek saath
अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ
मंथन का अधिकार है सबको फल प्रभु तेरे हाथ
तेरे फूलों से भी प्यार
तेरे काँटों से भी प्यार
जो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
तेरे फूलों से भी प्यार
चाहे सुख दे या दुःख, चाहे ख़ुशी दे या गम
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
चाहे हंसी भरा संसार दे या आंसुओं की धार
दो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
हमको दोनों हैं पसंद तेरी धूप और छाँव
दाता किसी भी दिशा में ले चल ज़िन्दगी की नाव
चाहे हमें लगा दे पार डूबा दे चाहे हमे मझधार
दो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार