चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है
Charago ka laga mela ye jhanki khubsurat hai
चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है
मगर वो रौशनी है कहाँ
मुझे जिसकी जरुरत है
ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ
मेरी है अब तलक रात काली
जगमगाते दियो मत जलो
मुझसे रूठी है मेरी दिवाली
ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ
जिनसे रोशन थी ये ज़िन्दगी
वो तो जाने कहीं चल दिए
रौशनी मेरे आकाश को
देने वाले कहीं चल दिए
चल दिए है मेरे देवता
जिनका मंजर पड़ा आज खाली
जगमगाते दियो मत जलो
मुझसे रूठी है मेरी दिवाली
मैं जितना आज हूँ उतना ना था उदास कभी
चले गए वो बड़ी दूर जो थे पास कभी
अनाथ कर गए मुझको बिसारने वाले
बिना बताये अचानक सिधारने वाले
कहा हो ऐ मेरी बिगड़ी सँवारने वालों
पुकार लो मुझे बेटा पुकारने वालों