हमने जग की अजब तस्वीर देखी – प्रदीप
Hamne jag ki ajab tasveer dekhi -Pradeep
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
ये प्रभु की अद्भुत जागीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमे हँसते मुखड़े चार मिले
दुखियारे चेहरे हज़ार मिले
यहाँ सुख से सौ गुनी पीड़ देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
दो एक सुखी यहाँ लाखों में
आंसू है करोड़ों आँखों में
हमने गिन गिन हर तकदीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
कुछ बोल प्रभु ये क्या माया
तेरा खेल समझ में ना आया
हमने देखे महल रे कुटीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं