Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Kabadkhana”,” कबाड़खाना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कबाड़खाना

 Kabadkhana

 

हर घर में

कुछ कुठरियाँ या कोने होते हैं,

जहाँ फ़ालतू कबाड़ इकट्ठा रहता है.

मेरे मस्तिष्क के कुछ कोनों में भी

ऐसा ही अँगड़-खंगड़ भरा है!

जब भी कुछ खोजने चलती हूँ

तमाम फ़ालतू चीज़ें सामने आ जाती हैं,

उन्हीं को बार-बार,

देखने परखने में लीन

भूल जाती हूँ,

कि क्या ढूँढने आई थी!

 

 

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