Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Teen bander”,” तीन बन्दर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तीन बन्दर

 Teen bander

 

आँख,कान और मुँह बंद किये,

बचते-भागते आ बैठे ड्राइँग रूम के अन्दर,

ये तीन बन्दर!

बैठे रहेंगे –

निश्चिन्त,आदर्श,परम अहिंसावादी,

यथार्थ से आँखें मूँदे ,महात्मा बने,

कि हम नहीं ऐसे

सारी दुनिया रहे चाहे जैसे!

बुराइयों से आँखें मूँद  ,

एकदम चुप रहो,

बंद रखो कान ,

जो रहा है होने दो ,

हमें क्या?

फैलती रहें अनीतियाँ ,अमर बेल की तरह

छल्ले फँसाती शाखा-प्रशाखाओं में बिना किसी अवरोध के!

सच के कँटीले रास्ते से भाग ,

यहाँ बैठे रहें  ,अंध, मूक,बधिर बने,

गज़ब का संयम ओढ़े ,

सबसे तटस्थ,निर्लिप्त!

इस कमरे के अंदर;

परम संत बने आत्ममुग्ध ,

ये तीन बंदर!

युग की महागाथा मे

लिखे होंगे सबसे ऊपर इनके नाम ,

हथियार छोड़ भागनेवालों में!

क्योंकि इस देश और इस काल में

सर्वग्रासी मि्थ्यादर्शों के बीच ,

परम संतोष से

जिये जा रहे हैं

आँख,कान और मुँह बंद कर ,

ये तीन बंदर!a

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