Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Vandana”,” वन्दना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वन्दना

 Vandana

 

अंध तम का एक कण मै,

तुम अपरिमित ज्योतिशाली,

दीप के मैं धूम्र का कण,

तुम दिवा के अंशुमाली!

मैं अकिंचन रेणुकण हूँ,

तुम अचल हिमचल निवासी!

मृत्युमय ये प्राण मेरे,

ओ प्रलय के भ्रू-विलासी!

वन्दना निष्फल न जाये,

देव यह आशीष देना,

स्वर न हारे विश्व-तम से,

वे अनल के गीत देना!

 

 

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