Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Anewala Kal“ , “आनेवाला कल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आनेवाला कल

Anewala Kal

मुझे याद नहीं रहता है वह क्षण

जब सहसा एक नई ताकत मिल जाती है

कोई एक छोटा-सा सच पकडा जाने से

वह क्षण एक और बडे सच में खो जाता है

मुझे एक अधिक बडे अनुभव की खोज में छोडकर।

निश्चय ही जो बडे अनुभव को पाए बिना सब जानते हैं

खुश हैं

मैं रोज-रोज थकता जाता हूँ और मुझे कोई इच्छा नहीं

अपने को बदलने की कीमत इस थकान को देकर चुकाने की।

इसे मेरे पास ही रहने दो

याद यह दिलाएगी कि जब मैं बदलता हूँ

एक बदलती हुई हालत का हिस्सा ही होता हूँ

अद्वितीय अपने में किन्तु सर्वसामान्य।

हर थका चेहरा तुम गौर से देखना

उसमें वह छिपा कहीं होगा गया कल

और आनेवाला कल भी वहीं कहीं होगा।

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