Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Bikharana“ , “बिखरना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिखरना

Bikharana

कुछ भी रचो सबके विरूद्ध होता है

इस दुनिया में जहाँ सब सहमत हैं

क्या होते हैं मित्र कौन होते हैं मित्र

जो यह ज़रा-सी बात नहीं जानते

अकेले लोगों की टोली

देर तक टोली नहीं रहती

वह बिखर जाती है रक्षा की खोज में

रक्षा की खोज में पाता है हर एक अपनी-अपनी मौत।

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