मेरे अनुभव
Mere anubhav
कितने अनुभवों की स्मृतियाँ
ये किशोर मुँह जोहते हैं सुनने को
पर मैं याद कर पाता हूँ तो बताते हुए डरता हूँ
कि कहीं उन्हें पथ से भटका न दूँ
मुझे बताना चाहिए वह सब
जो मैंने जीवन में देखा समझा
परन्तु बहुत होशियारी के साथ
मैं उन्हें अपने जैसा बनने से बचाना चाहता हूँ