Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Pani“ , “पानी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पानी

Pani

पानी का स्वरूप ही शीतल है

बाग में नल से फूटती उजली विपुल धार

कल-कल करता हुआ दूर-दूर तक जल

हरी में सीझता है

मिट्टी में रसता है

देखे से ताप हरता है मन का, दुख बिनसता है।

 

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