पानी के संस्मरण
Pani ke sansmaran
कौंध । दूर घोर वन में मूसलाधार वृष्टि
दुपहर: घना ताल: ऊपर झुकी आम की डाल
बयार: खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार
रात: उजली रेती के पार; सहसा दिखी
शान्त नदी गहरी
मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं ।
पानी के संस्मरण
Pani ke sansmaran
कौंध । दूर घोर वन में मूसलाधार वृष्टि
दुपहर: घना ताल: ऊपर झुकी आम की डाल
बयार: खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार
रात: उजली रेती के पार; सहसा दिखी
शान्त नदी गहरी
मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं ।