Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Pratiksha“ , “प्रतीक्षा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रतीक्षा

Pratiksha

दूसरे तीसरे

जब इधर से निकलता हूँ

देखता हूँ,

अरे, इस वर्ष गुलमोहर में

अभी तक फूल नहीं आया

– इसी तरह आशा करते रहना

कितना अच्छा है

विश्वास रहता है कि वह प्रज्वलित

मैं भूल नहीं आया ।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.