Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Yachna“ , “याचना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

याचना

Yachna

युक्ति के सारे नियंत्रण तोड़ डाले,

मुक्ति के कारण नियम सब छोड़ डाले,

अब तुम्हारे बंधनों की कामना है|

विरह यामिनी में न पल भर नींद आई,

क्यों मिलन के प्रात वह नैनों समाई,

एक क्षण में ही तो मिलन में जागना है|

यह अभागा प्यार ही यदि है भुलाना,

तो विरह के वे कठिन क्षण भूल जाना,

हाय जिनका भूलना मुझको मना है |

मुक्त हो उच्छ्वास अंबर मापता है,

तारकों के पास जा कुछ काँपता है,

श्वास के हर कम्प में कुछ याचना है|

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