मेरे जाने के बाद
Mere jane ke baad
छोड़ जाऊँगा
कुछ कविता, कुछ कहानियाँ, कुछ विचार
जिनमें होंगे
कुछ प्यार के फूल
कुछ तुम्हारे उसके दर्द की कथाएँ
कुछ समय – चिंताएँ
मेरे जाने के बाद ये मेरे नहीं होंगे
मै कहाँ जाऊँगा, किधर जाऊँगा
लौटकर आऊँगा कि नहीं
कुछ पता नहीं
लौटकर आया भी तो
न मै इन्हे पहचानूँगा, न ये मुझे
तुम नम्र होकर इनके पास जाओगे
इनसे बोलोगे, बतियाओगे
तो तुम्हे लगेगा, ये सब तुम्हारे ही हैं
तुम्ही मे धीरे धीरे उतर रहे हैं
और तुम्हारे अनजाने ही तुम्हे
भीतर से भर रहे हैं।
मेरा क्या….
भर्त्सना हो या जय-जयकार
कोई मुझ तक नहीं पहुँचेगी॥