सावन आ गइल
Savan aa gayil
घेरि-घेरि उठलि घटा घनघोर और कजरार, सावन आ गइल!
बेबसी के पार ओते, अवरु हम ए पार, सावन आ गइल!
घिरि अकासे उड़े बदरा, मेंह बरसे छाँह प्यारी ओ!!
जरत बाटी हम तरे कल, क पकड़ के बाँहि, प्यारी ओं!
लड़ति बा चिमनी घटा से, रोज धुआँधार, सावन आ गइल!!
उठति बा मन में तोहें, कजरी पुकारि-पुकारि, प्यारी ओ!
झकर-झकर मसीन लेकिन, देति बा सुर फारि, प्यारी ओ!!
रहे नइखे देति कल से, ई बेदर्द बयार, सावन आ गइल!
खेत में बदमास बदरा, लेत होइहें घेरि, प्यारी ओ!!
छेह पर लुग्गा सुखत होई, तोरे अधफेरि, प्यारी ओ!
पेट जीअत होई पापी, खाइ-खाइ उधार, सावन आ गइल!!