आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी
Aai sabe braj gopalaji Thithki
आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी ह्मवै गली
जमुना जल नहाने।
ओचक आइ मिले रसखानि बजावत बेनू
सुनावत ताने।
हा हा करी सिसको सिगरी मति मैन हरी
हियरा हुलसाने।
घूमैं दिवानी अमानी चकोर सौं और दोऊ
चलै दग बाने।