Hindi Poem of Raskhan “  Aai sabe braj gopalaji Thithki, “आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी

 Aai sabe braj gopalaji Thithki

 

आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी ह्मवै गली

जमुना जल नहाने।

ओचक आइ मिले रसखानि बजावत बेनू

सुनावत ताने।

हा हा करी सिसको सिगरी मति मैन हरी

हियरा हुलसाने।

घूमैं दिवानी अमानी चकोर सौं और दोऊ

चलै दग बाने।

 

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