Hindi Poem of Raskhan “Aavat lal gula liye mag, “आवत लाल गुलाल लिए मग” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आवत लाल गुलाल लिए मग

Aavat lal gula liye mag

आवत लाल गुलाल लिए मग सुने मिली इक नार नवीनी।

त्यों रसखानि जगाइ हिये यटू मोज कियो मन माहि अधीनी।

सारी फटी सुकुमारी हटी, अंगिया दरकी सरकी रंग भीनी।

लाल गुलाल लगाइ के अंक रिझाइ बिदा करि दीनी।

 

 

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