Hindi Poem of Raskhan “ Dani naye bhye Maban dan sune, “दानी नए भए माँबन दान सुनै” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दानी नए भए माँबन दान सुनै

 Dani naye bhye Maban dan sune

 

दानी नए भए माँबन दान सुनै गुपै कंस तो बांधे नगैहो

रोकत हीं बन में रसखानि पसारत हाथ महा दुख पैहो।

टूटें धरा बछरदिक गोधन जोधन हे सु सबै पुनि दहो।

जेहै जो भूषण काहू तिया कौ तो मोल छला के लाला न विकेहो।

 

 

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