Hindi Poem of Raskhan “  No lakh gay suni ham nand ke, “नो लख गाय सुनी हम नंद के” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नो लख गाय सुनी हम नंद के

 No lakh gay suni ham nand ke

 

नो लख गाय सुनी हम नंद के,

तापर दूध दही न अघाने।

माँगत भीख फिरौ बन ही बन,

झूठि ही बातन के मन मान।

और की नारिज के मुख जोवत,

लाज गहो कछू होइ सयाने।

जाहु भले जु भले घर जाहु,

चले बस जाहु वृंदावन जानो।

 

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