अधर लगाइ रस प्याइ बाँसुरी बजाई
Udhar Lagai ras pyas bansuri bajai
अधर लगाइ रस प्याइ बाँसुरी बजाई
मेरो नाम गाइ हाइ जादू कियो मन में।
नटखट नवल सुघर नंदनंदन ने,
करि के अचैत चेत हरि कै जतन में।
झटपट उलट पुलट पर परिधान,
जान लागीं लालन पै सबै बाम बन में।
रस रास सरस रंगीलो रसखानि आनि,
जानि जोर गुगुति बिलास कियौ जन में।