Hindi Poem of Rituraj “Darshan“ , “दर्शन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

दर्शन

 Darshan

आदमी के बनाए हुए दर्शन में

दिपदिपाते हैं सर्वशक्तिमान

उनकी साँवली बड़ी आँखों में

कुछ प्रेम, कुछ उदारता, कुछ गर्वीलापन है

भव्य वह भी कम नही है

जो इंजीनियर है

इस विराट वास्तुशिल्प का

दलित की दृष्टि में कौतुक है

दोनों पक्षों कि लिए

यानी प्रभु की सत्ता और

बुर्जुआ के उदात्त के लिए

एक अवाक् जिज्ञासा है कि

ऐसा कैसे हुआ

ऐसा कैसे हुआ!!!

 

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