Hindi Poem of Rituraj “Shareer“ , “शरीर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शरीर

 Shareer

सारे रहस्य का उद्घाटन हो चुका और

तुम में अब भी उतनी ही तीव्र वेदना है

आनंद के अंतिम उत्‍कर्ष की खोज के

समय की वेदना असफल चेतना के

निरवैयक्तिक स्पर्शों की वेदना आयु के

उदास निर्बल मुख की विवशता की वेदना

अभी उस प्रथम दिन के प्राण की स्मृति

शेष है और बीच के अंतराल में किए

पाप अप्रायश्चित ही पड़े हैं

लघु आनंद वृत्तों की गहरी झील में

बने रहने का स्वार्थ कैसे भुला दोगे

पृथ्वी से आदिजीव विभु जैसा प्यार

कैसे भुला दोगे अनवरत् सुंदरता की

स्तुति का स्वभाव कैसे भुला दोगे

अभी तो इतने वर्ष रूष्ट रहे इसका

उत्तर नहीं दिया अभी जगते हुए

अंधकार में निस्तब्धता की आशंकाओं का

समाधान नहीं किया है

यह सोचने की मशीन

यह पत्र लिखने की मशीन

यह मुस्कुराने की मशीन

यह पानी पीने के मशीन

इन भिन्न-भिन्न प्रकारों की

मशीनों का चलना रूका नहीं है अभी

तुम्हारी मुक्ति नहीं है

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.