Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Kah du tumhe ya chup rahu“ , “कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ

 Kah du tumhe ya chup rahu

कह दूँ तुम्हें

या चुप रहूँ

दिल में मेरे आज क्या है

कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ

दिल में मेरे आज क्या है

जो बोलो तो जानूँ गुरू तुमको मानूँ

चलो ये भी वादा है

कह दूँ तुम्हें…

सोचा है तुमने कि चलते ही जाएँ

तारों से आगे कोई दुनिया बसाएँ

तो तुम बताओ

सोचा ये है कि तुम्हें रस्ता भुलाएँ

सूनी जगह पे कहीं छेड़ें सताएँ

हाय रे ना ना

ये ना करना

अरे नहीं रे नहीं रे नहीं रे नहीं रे नहीं नहीं

कह दूँ तुम्हें…

सोचा है तुमने कि कुछ गुनगुनाएँ

मस्ती में झूमें ज़रा धूमें मचाएँ

तो तुम बताओ ना

सोचा ये है कि तुम्हें नज़दीक लाएँ

फूलों से होंठों की लाली चुराएँ

हाय रे ना ना

ये ना करना

अरे नहीं रे नहीं रे नहीं रे नहीं रे नहीं नहीं

कह दूँ तुम्हें…

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