Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mohobbat tark ki mene gareba si liya me“ , “मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं

 Mohobbat tark ki mene gareba si liya me

मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं

ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये भी पी लिया मैं ने

अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में

कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने

उन्हें अपना नहीं सकता मगर इतना भी क्या कम है

कि कुछ मुद्दत हसीं ख़्वाबों में खो कर जी लिया मैंने

बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो

बहुत दुख सह लिये मैंने बहुत दिन जी लिया मैंने

 

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