Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Nile gagan ke tale“ , “नीले गगन के तले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नीले गगन के तले

 Nile gagan ke tale

हेऽऽऽऽऽऽऽ,

नीले गगन के तले, धरती का प्यार पले

ऐसे ही जग में, आती हैं सुबहें

ऐसे ही शाम ढले

हेऽऽऽऽऽऽऽ,

नीले गगन……

शबनम के मोती, फूलों पे बिखरे

दोनों की आस फले

हेऽऽऽऽऽऽऽ,

नीले गगन……

बलखाती बेलें, मस्ती में खेलें

पेड़ों से मिलके गले

हेऽऽऽऽऽऽऽ,

नीले गगन……

नदिया का पानी, दरिया से मिलके

सागर किस ओर चले

हेऽऽऽऽऽऽऽ,

नीले गगन……

 

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