Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Sadiyo se insane yah suntan aaya he“ , “सदियों से इन्सान यह सुनता आया है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है

 Sadiyo se insane yah suntan aaya he

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है

दुख की धूप के आगे सुख का साया है

हम को इन सस्ती ख़ुशियों का लोभ न दो

हम ने सोच समझ कर ग़म अपनाया है

झूठ तो कातिल ठहरा उसका क्या रोना

सच ने भी इन्सां का ख़ून बहाया है

पैदाइश के दिन से मौत की ज़द में हैं

इस मक़तल में कौन हमें ले आया है

अव्वल-अव्वल जिस दिल ने बरबाद किया

आख़िर-आख़िर वो दिल ही काम आया है

उतने दिन अहसान किया दीवानों पर

जितने दिन लोगों ने साथ निभाया है

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.