तोरा मन दर्पण कहलाये
Tera man darpan kahlaye
प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधि पाऊँ तोहे
प्रभु कहे तु मन को पा ले, पा जायेगा मोहे
तोरा मन दर्पण कहलाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हज़ार
जग से चाहे भाग लो कोई, मन से भाग न पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
तन की दौलत ढलती छाया मन का धन अनमोल
तन के कारण मन के धन को मत माटी में रौंद
मन की क़दर भुलानेवाला वीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये
तोरा मन दर्पण कहलाये