Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Tere dar pe aaya hu kuch kar ke jaunga” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तेरे दर पे आया हूँ कुछ कर के जाऊँगा

 Tere dar pe aaya hu kuch kar ke jaunga

तेरे दर पे आया हूँ कुछ कर के जाऊँगा

झोली भर के जाऊँगा या मर के जाऊँगा

मैं तेरे दर पे आया हूँ …

तू सब कुछ जाने है हर ग़म पहचाने है

जो दिल की उलझन है सब तुझ पे रौशन है

घायल परवाना हूँ वहशी दीवाना हूँ

तेरी शोहरत सुन सुन के उम्मीदें लाया हूँ

तेरे दर पे

मैं तेरे दर पे आया हूँ …

दिल ग़म से हैराँ है मेरी दुनिया वीराँ है

नज़रों की प्यास बुझा मेरा बिछड़ा यार मिला

अब या ग़म छूटेगा वरना दम टूटेगा

अब जीना मुशकिल है फ़रियादें लाया हूँ

तेरे दर पे

मैं तेरे दर पे आया हूँ …

 

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