Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Udas na ho“ , “उदास न हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उदास न हो

 Udas na ho

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो

कठिन सही तेरी मन्जिल मगर उदास न हो

कदम कदम पे चट्टानें खडी़ रहें लेकिन

जो चल निकले हैं दरिया तो फिर नहीं रुकते

हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर

मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र…

हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर

हर एक तलाश मुरादों के रंग लाती है

हजारों चाँद सितारों का खून होता है

तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र…

जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते

वो जिंदगी में नया रंग ला नहीं सकते

जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं

वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते

मेरे नदीम मेरे हमसफ़र…

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.