घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा
Ghant mant dui kodi pava
घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा
कौड़ी लै के दिल्ली आवा,
दिल्ली हम का चाकर कीन्ह
दिल दिमाग भूसा भर दीन्ह,
भूसा ले हम शेर बनावा
ओह से एक दुकान चलावा,
देख दुकान सब किहिन प्रणाम
नेता बनेन कमाएन नाम,
नाम दिहिस संसद में सीट
ओह पर बैट के कीन्हा बीट,
बीट देख छाई खुशिहाली
जनता हंसेसि बजाइस ताली,
ताली से ऐसी मति फिरी
पुरानी दीवार उठी
नई दीवार गिरी।