Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Jade kid hoop“ , “जाड़े की धूप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जाड़े की धूप

 Jade kid hoop

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया

ताते जल नहा पहन श्वेत वसन आयी

खुले लान बैठ गयी दमकती लुनायी

सूरज खरगोश धवल गोद उछल आया।

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

नभ के उद्यान-छत्र तले मेजः टीला,

पड़ा हरा फूल कढ़ा मेजपोश पीला,

वृक्ष खुली पुस्तक हर पृष्ठ फड़फड़ाया।

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

पैरों में मखमल की जूती-सी-क्यारी,

मेघ ऊन का गोला बुनती सुकुमारी,

डोलती सलाई हिलता जल लहराया।

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

बोली कुछ नहीं, एक कुसीर् की खाली,

हाथ बढ़ा छज्जे की साया सरकाली,

बाँह छुड़ा भागा, गिर बर्फ हुई छाया।

बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।

 

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