Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Ladai Jari he“ , “लड़ाई जारी है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लड़ाई जारी है

 Ladai Jari he

जारी है-जारी है

अभी लड़ाई जारी है।

यह जो छापा तिलक लगाए और जनेऊंधारी है

यह जो जात पांत पूजक है यह जो भ्रष्टाचारी है

यह जो भूपति कहलाता है जिसकी साहूकारी है

उसे मिटाने और बदलने की करनी  तैयारी है।

यह जो तिलक मांगता है, लडके की धौंस जमाता है

कम दहेज पाकर लड़की का जीवन नरक बनाता है

पैसे के बल पर यह जो अनमोल ब्याह रचाता है

यह जो अन्यायी है सब कुछ ताकत से हथियाता है

उसे मिटाने और बदलने की करनी तैयारी है।

यह जो काला धन फैला है, यह जो चोरबाजारी हैं

सत्ता पाँव चूमती जिसके यह जो सरमाएदारी है

यह जो यम-सा नेता है, मतदाता की लाचारी है

उसे मिटाने और बदलने की करनी तैयारी है।

जारी है-जारी है

अभी लड़ाई जारी है।

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