Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Pyar ek chata“ , “प्‍यार:एक छाता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्‍यार:एक छाता

 Pyar ek chata

विपदाएँ आते ही,

खुलकर तन जाता है

हटते ही

चुपचाप सिमट ढीला होता है;

वर्षा से बचकर

कोने में कहीं टिका दो,

प्‍यार एक छाता है

आश्रय देता है गीला होता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.