Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Rang tarbuje ke“ , “रंग तरबूजे का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रंग तरबूजे का

 Rang tarbuje ke

रंग तरबूजे का

महक खरबूजे की!

रो-गाकर आजादी लाए

पहन लंगोटी खादी,

चार कदम भी चल नहीं पाए

इतनी चढ़ गई बादी

रंग तरबूजे का

महक खरबूजे की!

अमरीका में डांस करें

औ’ रूस में मारें कुश्ती

देखो अपने नेताओं की

यारों धींगा मुश्ती।

रंग तरबूजे का

महक खरबूजे की

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